सिध्दी विनायक देवा, तेरा इंतज़ार है भजनों की बहार है,
भक्ति की फुलवारी में तेरी जय-जयकार है ॥


शिव-गौरा के लाला, गजानन गणपति देवा
सबसे पहले करते, प्रभु हम तेरी सेवा
श्रध्दा से सजाया हमने, सच्चा दरबार है
भजनों की बहार है,भक्ति की फुलवारी में तेरी जय-जयकार है ॥1॥

ओ चार भुजा धारी, रणकभँवर के राजा
तेरा मंगलमूर्ति रुप, सुहाना हमको दिखा जा
भक्तों की भावना से, बरसे शृंगार है
भजनों की बहार है,भक्ति की फुलवारी में तेरी जय-जयकार है ॥2॥

ओ रिद्धि-सिद्धि के दाता, प्रभु राजौर से आओं
सूर सरगम छेड़ी है, हमें सूर ज्ञान दिलावो
"गोपाल" बालक नादान, तेरा तलबदार है
भजनों की बहार है,भक्ति की फुलवारी में तेरी जय-जयकार है ॥3॥