जातोडा रुणिचे पगलिया लाईजे, पगलिया लाईजे

धोली धजा वालों घोड़लियो लाईजे, 

हा धोली धजा वालों घोड़लियो लाईजे,जातोड़ा,,,,,,,


माने कोनी छुट्टी देवे बाबा मारो सेठ, सेठरेतो मनेघणी लाग लपेट

बाबेजी ने,बाबेजी ने साची बात बतलाई जे, बतलाईजे 

धोलीधजा वालों घोड़लियो ,,,,,,,,,,,


मारे घरवाली दिनी चुनरी रंगाय,डालीरी समाधि ऊपर दीजोरे चड्ढाय

काई बोल, काई बोल डाली बाई सुनतो आईजे,तू सुंनतो आईजे 

धोलीधजा वालों घोड़लियो ,,,,,,,,,,,


बाबे ताई ले जाही मक्खाना मिश्री, मारी तो है बाबा श्रद्धा इतनी 

मिश्री रो,मिश्री रो भोग थोड़ो पाछो लाइन्ये, पाछो लाइन्ये       

धोलीधजा वालों घोड़लियो ,,,,,,,,,,,


बाबेने केसरिया जामेरो गणों कोड,भेंट चढ़ासू महतो नौकरीने छोड़ 

मनोती री, मनोती री राखड़ी तू बांध आईज्ये,तू बांध आइज्ये 

धोलीधजा वालों घोड़लियो ,,,,,,,,,,,


जातोडा रुणिचे पगलिया लाईजे, पगलिया लाईजे

धोली धजा वालों घोड़लियो लाईजे,

 हा धोली धजा वालों घोड़लियो लाईजे


रचयिता पंडित दिवाकर जी

संकलनकर्ता पवन लाहोटी