म्हने छोटी सी ध्वजा बनवा दे
ओ मम्मी रुणिचे री टिकट कटा दे
क क क हो मम्मी जानो है रूणेचे
क हो मम्मी जानो है रूणेचे
घर से जद बाहर में निकलुं साथी सब बोले
रामदेव रे पैदल चालांं आपांं सब मिलके
हाफ पेंट बनियान पहनकर लाइट वैट री चप्ल रे
पहन बाबे र जावांं हा जावांं हां जावा
मारवाड़ री ईण धरती पर इंणसो कोई देव नहीं
गांव रुणिचे में मंदिर बणियो ईण सो कोईऔर नहीं
दूर-दूर सुं पैदल आवे लोग लुगाई टाबर सागे
क्यों न मम्मी में भि जाऊंं हां जाऊं हां जाऊं
श्रावण बाद में आवे भादवो भिड़ लगे अति भारी
चानण पक री दूज दशम तक मेले में चर्चा थारी
लंबी लंबी ले अरदास दर्शन रि कर मन में आश
भक्त बाबे रे जावे हां जावे हां जावे
थोड़ा सी रूपिया रि ह बात मम्मी तूंं क्यों सोचे
रामापीर पर राख भरोसो म्हने क्यों तुंं रोके
मम्मी तुंं जल्दी हां कर दे पापा से में हां कर वालुं
पवन साथिड़ा रे सागे हां सागे हां सागे
म्हने छोटी सी ध्वजा बनवा दे
ओ मम्मी रुणिचे री टिकट कटा दे
क क क हो मम्मी जानो है रूणेचे
क हो मम्मी जानो है रूणेचे
रचयता - पवन लाहोटी
कान्टेक्ट -- 9414417573