जंगल विच भेरुनाथ थारो कुण करियो श्रृंगार
कुन थारे काजल लगायो,कुन लायो प्रसाद
थारे माली पाना चम चम चमके, थारी जय हो भैरव नाथ
चावल चूरमो और इमरती, बाबे रे मुख में कुन भर गयो
लड्डू पेड़ा री थाली रे बीच में रबड़ी रो प्यालो कुन रख दयो
थारे पुष्पा का गजरा महके 2 थारी जय हो भैरव नाथ
जंगल विच भेरुनाथ,,,,,,,,,
क्या गर्मी क्या ठंडी बाबो बैठयो एक ठिकाने में
भैरवनाथ ने नित्रा मनावे लाखों लोग बिकाने में
सब भक्क्ता पर कृपा बरसे थारी जय हो भैरव नाथ
जंगल विच भेरुनाथ,,,,,,,,,,,,,,,
महक रहयो बाबे रो मंदिर कुण थारे इत्र लगायो ह
मै थाने पूछूं ओ भैरू बाबा कुन थाने हिण्डो हिण्डायो है
थारे कोडाणे धजा फरुके 2 थारी जय हो भैरव नाथ
जंगल विच भेरुनाथ,,,,,,,,,,,,