श्री रामदेव दयाल दया निधि जगत कष्ट निवारण।
कलिकाल प्रकटे कृपालु हे अजमाल कीर्ती वर्धन।

नमो नेत्र दाता कसट हरता वंद्यया दोष निवारण 
नमो जीव दाता भक्त त्राता सिद्धीदाता सुंदर 


नमो डाली पुज्य नेत्लिश  रामदेव भजाम्यह 
हे नाथ निकलंग नेजाधारी दुष्ट देत्य संहारण 

हे कृपानिधि अलग दाता बाधा सर्व निवारणं । 
द्वेत दुविधा मेटि सब हरी भेदभाव विनाश कं । 

ध्याये नित्य सो पाए शुभ फल हरण भय सब दारुण ।
जब आप रख दो हाथ जिस पर सर्व शक्ति हो वर्धनं । 

कोई पावे न पार तेरा नित्यानंद लीला करन । 
तन मन वचन किया नाथ तुझको सर्व कर्म समर्पण ।

कर जोरी पुनि
विनती करूं हे रामदेव दया करो 
मूलयोगी अनाथ के तेरे नाम ही को है आसरो

 सो रणभूमि दुख बार्बी रामदेव अवतार भैया कला सुखधाम अर्थ के आधार तुम ने तलपती रामदेव की जय